Projects we are focusing on
We provide a safe and caring home for orphan women with intellectual disabilities, offering daily support, protection, and dignity. With community help, this initiative continues to grow and bring hope.
Hamara Prayas Mandbuddhi Mahila Anaath Aashram
Our trust regularly organizes blood donation camps to help provide timely blood to patients in need. These camps are safe, well-managed, and focused on spreading awareness so more people can donate and help save lives.
Blood Donation Camps


Self Defence Awareness
Women & Girls Assistance Programs




Our trust conducts self-defence awareness programs to help women and girls learn safety skills and build confidence. These sessions focus on practical techniques, awareness, and empowering them to protect themselves.
Our trust supports needy women and girls by providing essential help such as books, study material, clothing, and assistance in important needs like marriage and daily necessities, ensuring they receive timely support.
Stories of women, youth, and families we have supported. Every story reflects hope, dignity, and positive change
आश्रम की पहली महिला रूपा
यह आश्रम की पहली महिला रूपा है जोकि मंदबुद्धि है ये दूसरे स्टेट से इसको नारनौद जिला हिसार निवासी शादी करके लाया था जोकि झगड़ा समाज से संबंध रखता है हर रोज के हत्याचार से दुःखी इस महिला ने इसकी पहली बेटी नेहा के जन्म के बाद से ही घर छोड़ दिया था दूसरी बेटी को इसने नारनौद की सड़कों पर जन्म दिया परन्तु उसको कोई अन्य आदमी परवरिश के लिए लेके चला गया जिसका कोई पता नहीं किसी को भी उसके बाद इसका जीवन नारनौद की सड़कों पर 10 साल ऐसे ही बीता रहा है इसका नशेड़ी लोगों द्वारा बहुत शोषण किया जाता था लेकिन कोई भी गांव का या इसकी फैमिली से किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई मदद नहीं की गई इसी महिला की बदौलत आज हमारा प्रयास आश्रम की नींव दिनांक 4/11/2023 में हिसार किराये की बिल्डिंग में चलाई जा रही है


आश्रम की बेटी नेहा
आश्रम की बेटी नेहा है जो की 95% मंद बुद्धि है उम्र 9 साल है नेहा को हमारा प्रयास आश्रम टीम ने नेहा को नारनौद जिला हिसार से रेस्क्यू करके आश्रम में लाया गया नेहा आश्रम में रह रही आश्रम की पहली महिला रूपा की बेटी है नेहा अपनी दादी के पास रहती थी आस पड़ोस के लोगों से ही रोटी मांग कर नेहा अपना पेट भरती थी जब से नेहा आश्रम में आई है उसी दिन से रेड कोर्स मंदबुद्धि बच्चों के स्कूल में जाती है समय के साथ-साथ बहुत ही ज्यादा दिमाग ठीक होता जा रहा है नेहा की दवाइयां भी हॉस्पिटल से चल रही है
यह हमारा प्रयास मंदबुद्धि महिला अनाथ आश्रम की तीसरी महिला है जो कि गांव घुड़साल जिला हिसार में आता है वहां के सरपंच का हमारे पास फोन आता है कोई महिला गांव के बस स्टैंड पर 2 दिन से लगातार पड़ी हुई है जो कि अपना नाम पता कुछ नहीं बता पा रही है और बहुत ज्यादा नशे की हालत में है हमारा प्रयास मंदबुद्धि महिला अनाथ आश्रम की टीम गांव के सरपंच गांव के मौजूदा लोगों की उपस्थिति में हमारा प्रयास आश्रम में इस महिला को रेस्क्यू करके लाया जाता है आश्रम में छ : महीने के बाद इसने अपना नाम अनु बताया था आश्रम में आने के बाद से दिमाग की दवाइयां सिविल हॉस्पिटल हिसार से चल रही हैं जो कि यह बहुत ही हिंसक रूप में रहती थी इसने आश्रम की महिला स्टाफ को भी दो-तीन बार चोट पहुंचा चुकी है
अनु














